बस्ती । उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा निर्मित पुल पिछले 6 माह से अप्रोच मार्ग न होने से मूगदर्शक बना पड़ा हुआ है। जिससे कई गांवों को जोड़ने वाला पुल अभी भी राहगीरों की सहायता नहीं कर पा रहा है। मई 2018 में शुरू हुये 71 मीटर पुल के निर्माण कार्य मे लगभग 14 महीने लग गए। पुल बनकर तो तैयार होगया, लेकिन राहगीरों की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक 30 मई 2018 को कप्तानगंज के विधायक चन्द्रप्रकाश शुक्ल ने भूमिपूजन कर शिलान्यास किया था। और तभी से पुल का काम तेजी से शुरू होगया था। जो जुलाई 2019 में बनकर पूरा हो गया। नाबार्ड वित्त पोषित आर.आई.डी.एफ. 23 योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम सेतु निर्माण इकाई बस्ती द्वारा कप्तानगंज ब्लाक के नरायनपुर-मीतासोती मार्ग पर मनोरमा नदी के पिपरौल घाट पर 71 मीटर का पुल जिसकी लागत लगभग 8 करोड़ 96 लाख रुपये से बन कर तैयार हो गया है। जिसका दक्षिण की तरफ अप्रोच भी पूरा हो गया है, मगर उत्तर की तरफ कुछ जमीनी विवाद के चलते नहीं पूरा हो पाया है। इस पुल के चालू होने के बाद आस पास के कई गांव जैसे मीतासोती, बरहटा, मरवटिया पाण्डेय, मुड़ियारी, ऐंठी, मेधौआ, पोखरा, अकेलवा, नेवादा, गड़हा ओझा, नरायनपुर, भटहा, हरिबंशपुर, बसन्त पुर, नयकापर सहित सैकड़ों गांव के लोग लाभ लेंगे।
ग्रामीणों का आरोप पूर्व लेखपाल गलत पैमाइश कर दूसरे के नाम कर दिए थे जमीन
पुल के अप्रोच में आने वाली बाधा में मुख्य कारण आसपास की विवादित जमीन है। जिसमें तत्कालिक लेखपाल बीरेंद्र मौर्या पर जिलाधिकारी बस्ती को दिए शिकायती में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना जरीब व फीता के केवल रस्सी से पैमाइश कर अवैध लोगों के नाम से जमीन अधिग्रहित क।र दिए थे। और मांग किये थे दोबारा सही ढंग से पैमाइश कराई जाए औऱ उचित लोगों का जमीन अधिग्रहण होकर मुवावजा मिल सके। ग्रामीणों ने मौखिक रूप से पूर्व लेखपाल वीरेन्द्र मौर्या पर धन उगाही कर गलत तरीके से जमीन अधिग्रहण कराने का आरोप लगाया गया है।
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