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Saturday, November 28, 2020

रामलीला मंचन के तीसरे दिन"राम विवाह"देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक,ई.वीरेंद्र कुमार मिश्र ने उतारी श्रीराम-लक्ष्मण की आरती

रामलीला मंचन के तीसरे दिन"राम विवाह"देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक,ई.वीरेंद्र कुमार मिश्र ने उतारी श्रीराम-लक्ष्मण की आरती




दुबौलिया,बस्ती।क्षेत्र के उभाई गांव में दशकों से चल रहे रामलीला मंचन के तीसरे दिन कलाकारों की ओर से राम विवाह का मनमोहक मंचन किया गया। मंचन से पूर्व मुख्य अतिथि रहे इंजीनियर वीरेंद्र कुमार मिश्र ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और लक्ष्मण की आरती उतारी। इस दौरान दर्शकों की तालियों पांडव गूंज उठा। 



श्री मिश्र ने उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्शों पर चलकर जीवन को गौरवमयी बनाया जा सकता है। रामलीला मंचन का उद्देश्य हमारे अंदर मानवीय मूल्यों का विकास होना दर्शाता है। भगवान राम की तरह संस्कार व आज्ञाकारी बनकर संपूर्ण समाज को नई दिशा देने की जरूरत है।समाज में आज भी आसुरी शक्तियों के रूप में हैवान घूम रहे हैं। उनका विरोध व सफाया कर के ही रामायण की प्रसंगिकता को सार्थक बनाया जा सकता है।


तीसरे दिन की आंतरिक रामलीला मंचन के दौरान गत दिवस शनिवार रात्रि को ''धनुष यज्ञ'' व ''राम विवाह'' की लीला का आंतरिक मंचन किया गया। इसमें रावण बाणासुर संवाद, राम के द्वारा धनुष भंजन,राम-सीता विवाह तथा लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन कलाकारों की ओर विशेष रूप से किया गया। मिथिला के राजा जनक की यह प्रतिज्ञा थी कि जो भी वीर शिव के धनुष को तोड़ेगा,वह उसी के साथ अपनी पुत्री सीता का विवाह कर देंगे। जब रावण जैसे बड़े बड़े प्रतापी और पराक्रमी राजा भी धनुष तोड़ने में असफल रहे तो मुनि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर भगवान राम उठे और उन्होंने एक ही झटके से शिव धनुष को उठाकर तोड़ दिया। धनुष भंजन की प्रतिज्ञा पूरी होते ही सीता ने राम को वरमाला पहनाई। इस प्रकार राम और सीता का विवाह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पत्रकार प्रमोद ओझा,रामलीला मंचन के मुख्य संरक्षक झिन्नू निषाद, अखिलेश उपाध्याय, शिवम त्रिपाठी,अंशुमान तिवारी, कुलदीप तिवारी, विवेक मिश्रा सहित कमेटी के कलाकार व दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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