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Monday, April 20, 2020

कोरोना से है बचना है तो धूम्रपान भी छोड़ना होगा : डॉ अभिजात

बस्ती । नवयुग मेडिकल सेण्टर के डा. अभिजात का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से बचना है तो धूम्रपान छोड़ना होगा। उन्होने कहा बीड़ी-सिगरेट संक्रमित हो सकते हैं तथा उँगलियों व होंठों के संपर्क में आकर वह आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं। हालाँकि सरकार ने सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा रखी है, फिर भी लोग चोरी छिपे इसका इस्तेमाल कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इन उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से संभावित खतरे को लेकर सरकार ने खुले में थूकने पर भी रोक लगा रखी है, इसका उल्लंघन करने पर दण्ड का प्रावधान भी किया गया है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व केजीएमयू, कोरोना टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस सबसे पहले ऐसे लोगों को ही अपनी चपेट में लेते हैं। बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी बाकायदा दिशा-निर्देश जारी कर धूम्रपान से कोरोना की जद में आने के खतरे के बारे में सचेत किया है। 
डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि बीड़ी-सिगरेट ही नहीं बल्कि अन्य तम्बाकू उत्पादों के साथ ही हुक्का, सिगार, ई-सिगरेट भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैला सकते हैं, इसलिए अपने साथ ही अपनों की सुरक्षा के लिए इनसे छुटकारा पाने में ही भलाई है। कोरोना का वायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है। इसीलिए प्रदेश में खुले में थूकने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुँचता है। फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है।


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