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Wednesday, August 5, 2020

बस्ती : मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम, स्तनपान का नहीं है विकल्प

बस्ती। मां का दूध बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है। स्तनपान का कोई विकल्प नहीं है। कोविड से बचाव के साथ ही स्तनपान को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में आशा कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सात अगस्त तक कार्यक्रम चलेगा।


यह बातें डिप्टी सीएमओ परिवार कल्याण डॉ. सीके वर्मा ने कहीं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। ‘स्त्नपान विकल्प नहीं, संकल्प है’ थीम के साथ शुरु हुए स्तनपान सप्ताह में आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें साफ सफाई के साथ मॉस्क लगाकर स्तनपान के लिए प्रेरित करें। इससे शिशुओं में संक्रमण की संभावना नहीं रहेगी। शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाएं, क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार है। सभी आशा कार्यकर्ता कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए धात्री महिलाओं के घर जाकर शारीरिक दूरी रखते हुए स्तनपान पर जोर देने को कहा गया है। बताएं कि छह माह तक बच्चों को केवल स्तनपान ही कराएं। किसी भी प्रकार से पानी, शहद, घुट्टी आदि कदापि न पिलाएं, क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार है। 


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कोविड-19 में भी स्तनपान


यदि मां कोविड से संक्रमित है या उसकी संभावना है तब भी मां शिशु को स्तनपान करा सकती है। यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड से संक्रमित है, लेकिन दूध पी सकता है, तो मां अवश्य स्तनपान कराएं। आशा व चिकित्सक की सलाह के अनुसार स्तनपान जरूर कराएं।


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स्तनपान से यह हैं लाभ 


- मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।


-मां का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।


 -बच्चों को कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है।


-बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।


-यह किफ़ायती और संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त होता है।


-स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।


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