बस्ती । सीबीएसई मैनेजर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा आज प्रेस वार्ता कर लॉकडाउन के चलते परेशानियां झेल रहे अभिभावकों को बड़ी राहत दी है।
विद्यालय प्रबंधक संगठन नें ट्रांसपोर्ट, स्पोर्ट, एक्टिविटी, लाइब्रेरी शुल्क ना लेने का निर्णय लिया है। प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी लेते हुए अनूप खरे ने बताया कि यह छूट हम उन अभिभावकों को देंगे जिनका व्यापार लॉक-डाउन के दौरान पूरी तरीके से ठप रहा लेकिन उन अभिभावकों से हम पूरी फीस लेंगे जिनका व्यापार लॉकडाउन के दौरान भी चल रहा था। निजी विद्यालय के प्रबंधकों ने कहा कि लॉकडाउन के चलते हम लोगों के सामने आर्थिक संकट का खड़ा हो गया है, लॉक डाउन के दौरान भी निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन दिया गया है जबकि अभी भी अभिभावकों द्वारा शत प्रतिशत फीस नहीं जमा की गई है। निजी विद्यालय प्रबंधकों ने सरकार के सामने 5 सूत्रीय मांग रखी है, जिसमें प्रदेश के निजी विद्यालयों के शिक्षकों की आर्थिक हालात को देखते हुए सरकार उन्हें न्यूनतम मानदेय प्रदान करें तथा सरकारी विद्यालयों में सरकार पढ़ने वाले बच्चों पर 3050 रुपये प्रति छात्र खर्च करती है इसका 50% भी अगर निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार दे तो हम जरूरतमंद निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले अभिभावकों से कोई शुल्क नही लेंगे। इसके साथ ही निजी विद्यालयों में बिजली के भारी लोड के कारण से चार्ज जो कि बहुत ज्यादा होता है उसे निजी विद्यालय हेतु माफ कर दिया जाय साथ ही प्रदेश के बैंकों को निजी विद्यालयों को लोन देने हेतु बैंकों को निर्देशित किए जाने की मांग की।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय हेतु इस सत्र के सभी टैक्स जैसे - हाउस टैक्स, वाटर टैक इत्यादि को माफ किया जाए। इसके साथ ही सभी बैंकों द्वारा लोन पर मोनाटोरियम सितंबर माह से खत्म किए जाने पर विद्यालयों के सामने एक और नई समस्या आ गई है क्योंकि अभी तक विद्यालय शिक्षकों के वेतन की समस्या से जूझ रहे थे अब ऐसी स्थित में विद्यालयों में भवन तथा वाहन सभी पर लोन लेना है, मोनाटोरियम को विद्यालय खुलने तक बढ़ाने का कष्ट करें। प्रेस वार्ता के दौरान अनूप खरे, जेपी तिवारी, तिवारी जगदीश प्रसाद मिश्र, संतोष कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार यादव, राजाराम यादव, अरुण शर्मा, सुखराम चौधरी, जेपी सिंह, शैलेश चौधरी सहित अन्य तमाम विद्यालय के प्रबंधक मौजूद रहे।
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