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Tuesday, October 20, 2020

आइये जाने आज का पंचांग व राशिफल पंडित अच्युतानंद त्रिपाठी के साथ

आइये जाने आज का पंचांग व राशिफल पंडित अच्युतानंद त्रिपाठी के साथ



।। 🕉️ ।।


    🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩


 📜««« आज का पंचांग»»»📜


कलियुगाब्द........................5122


विक्रम संवत्.......................2077


शक संवत्..........................1942


रवि............................दक्षिणायन


मास.................................अश्विन


पक्ष...................................शुक्ल


तिथी................................चतुर्थी


प्रातः 11.23 पर्यंत पश्चात पंचमी


सूर्योदय.........प्रातः 06.25.56 पर


सूर्यास्त.........संध्या 05.57.38 पर


सूर्य राशि............................तुला


चन्द्र राशि........................वृश्चिक


गुरु राशि..............................धनु


नक्षत्र................................ज्येष्ठा


रात्रि 02.09 पर्यंत पश्चात मूल


योग..............................सौभाग्य


प्रातः 09.49 पर्यंत पश्चात शोभन


करण................................विष्टि


प्रातः 11.23 पर्यंत पश्चात बव


ऋतु..................................शरद


दिन.............................मंगलवार


 


🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-


20 अक्तूबर सन 2020 ईस्वी |


 


🔱 चतुर्थं कुष्मांडा पूजन (चतुर्थ दिवस) :-


कुष्मांडा : मां दुर्गा का चौथा स्वरूप :-


 


वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम् ।


सिंहरूढा अष्टभुजा कुष्माण्डा यशस्वनीम् ॥


 


मां दुर्गा अपने चतुर्थ स्वरूप में कूष्माण्डा के नाम से जानी जाती हैं. नवरात्र के चौथे दिन आयु, यश, बल व ऐश्वर्य को प्रदान करने वाली भगवती कूष्माण्डा की उपासना-आराधना का विधान है, अपने उदर से अंड अर्थात् ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से पुकारा जाता है ।


अपनी मंद हंसी द्वारा अण्ड अर्थात् ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से अभिहित किया गया है. जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, चारों ओर अंधकार ही अंधकार परिव्याप्त था तब इन्हीं देवी ने अपने ईषत हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी. अत: यही सृष्टि की आदि स्वरूपा आदि शक्ति मानी जाती हैं. इनके पूर्व ब्रह्माण्ड का अस्तित्व था ही नहीं. इनकी आठ भुजाएं हैं. अत: ये अष्टभुजा देवी के नाम से विख्यात हैं. इनके सात हाथों में क्रमश: कमण्डल, धनुष बाण, कमल, पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं. आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है । इनका वाहन सिंह है । कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं. बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है, इस कारण से भी मां कूष्माण्डा कहलाती हैं ।


 


☸ शुभ अंक....................2


🔯 शुभ रंग...................सफ़ेद


 


⚜ अभिजीत मुहूर्त :-


दोप 11.48 से 12.34 तक ।


 


👁‍🗨 राहुकाल :-


दोप 03.02 से 04.27 तक । 


 


🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-


तुला


06:14:28 08:34:21


वृश्चिक


08:34:21 10:53:18


धनु


10:53:18 12:57:40


मकर


12:57:40 14:40:16


कुम्भ 


14:40:16 16:07:58


मीन  


16:07:58 17:33:09


मेष


17:33:09 19:08:37


वृषभ 


19:08:37 21:04:28


मिथुन  


21:04:28 23:19:26


कर्क 


23:19:26 25:40:09


सिंह 


25:40:09 27:57:49


कन्या 


27:57:49 30:14:28


 


🚦 दिशाशूल :-


उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।


 


✡ चौघडिया :-


प्रात: 09.19 से 10.45 तक चंचल


प्रात: 10.45 से 12.10 तक लाभ


दोप. 12.10 से 01.36 तक अमृत


दोप. 03.01 से 04.27 तक शुभ


रात्रि 07.27 से 09.01 तक लाभ । 


 


📿 आज का मंत्र :-


।। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कुष्मांडायै नम: ।।


 


॥ ध्यान मंत्र ॥


सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।


दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥


 


📯 संस्कृत सुभाषितानि :-


वीरः सुधीः सुविद्यश्च पुरुषः पुरुषार्थवान् ।


तदन्ये पुरुषाकाराः पशवः पुच्छवर्जिताः ॥       


अर्थात :


वीर, सुबुद्धिमान, विद्यावान और पुरुषार्थ करनेवाला हो, वही (सच्चा) पुरुष है । उसके अलावा अन्य, पुरुष के आकार में बिना पूंछ के पशु है ।


 


🍃 आरोग्यं :-


नवदुर्गा के औषधि रूप :-


चतुर्थ कुष्माण्डा (पेठा) - 


दुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिये इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हडा भी कहते हैं। कुम्हड़ा पुष्टिकारक वीर्य को बल देने वाला (वीर्यवर्धक) व रक्त के विकार को ठीक करने वाला है। यह पेट को साफ करता है। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिये यह अमृत है। यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर हृदय रोग को ठीक करता है। कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है। इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को पेठे के उपयोग के साथ कुष्माण्डा देवी की आराधना करना चाहिए।


 


⚜ आज का राशिफल :-


 


🐏 राशि फलादेश मेष :-


(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)


राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। प्रमाद से बचें। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी।


 


🐂 राशि फलादेश वृष :-


(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)


स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें, क्लेश हो सकता है। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। शारीरिक‍ शिथिलता रहेगी। चोट व दुर्घटना से हानि तथा पीड़ा का योग बनता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न उठाएं। 


 


👫🏻 राशि फलादेश मिथुन :-


(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)


कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश इत्यादि मनोनुकूल लाभ देंगे। पारिवारिक सहयोग मिलने से प्रसन्नता, उत्साह व संतुष्टि रहेंगे। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्नता जाहिर करेगा। कुसंगति से बचें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। 


 


🦀 राशि फलादेश कर्क :-


(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)


नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। कोई कारोबारी बड़ा सौदा लाभ दे सकता है। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। जल्दबाजी न करें। 


 


🦁 राशि फलादेश सिंह :-


(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)


स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ प्राप्त होगा। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। शत्रु परास्त होंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। काम में मन लगेगा। नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। प्रमाद न करें। 


 


🙎🏻‍♀️ राशि फलादेश कन्या :-


(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)


स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दौड़धूप अधिक रहेगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपने काम पर ध्यान दें। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। उत्साह में कमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। 


 


⚖ राशि फलादेश तुला :-


(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)


मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। नौकरी मे प्रभाव बढ़ेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उत्साह वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ के योग हैं। धनार्जन सुगम होगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।


 


🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-


(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)


जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में चैन रहेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। नए मित्र बनेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें।


 


🏹 राशि फलादेश धनु :-


(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)


यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति संभव है। आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह से काम कर पाएंगे। अच्‍छी खबरें प्राप्त होंगी।


 


🐊 राशि फलादेश मकर :-


(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)


बड़ों की सलाह मानें, लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। हड़बड़ी न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। चिंता बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। 


 


🏺 राशि फलादेश कुंभ :-


(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)


नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह तथा प्रसन्नता से काम कर पाएंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यस्तता रहेगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं, प्रयास करें। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। जीवन सुखमय बीतेगा। 


 


🐋 राशि फलादेश मीन :-


(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)


नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नए काम मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। नए लोगों से परिचय होगा। मित्रों तथा संबंधियों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी।


 


☯ आज मंगलवार है परन्तु कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आपसे मंदिर स्थान पर ज्यादा संख्या एकत्रित होना उपयुक्त नहीं है अतः आपसे आग्रह है अपने घर के मंदिर में संध्या 7 बजे सपरिवार हनुमान चालीसा पाठ अवश्य करे और यदि संभव होवे तो उसे फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव के माध्यम से सम्पूर्ण जगत के साथ साझा करे (यदि आप लाइव करते है तो #हनुमत_शक्ति_जागरण इस हैशटैग का उपयोग आपकी पोस्ट में अवश्य करें) |


 


।। 🐚 शुभम भवतु 🐚 ।।


 


 


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