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Thursday, October 22, 2020

जाने आज का पंचांग व राशिफल पं.अच्युतानंद त्रिपाठी के साथ

जाने आज का पंचांग व राशिफल पं.अच्युतानंद त्रिपाठी के साथ



।। 🕉 ।।


     *🌞 सुप्रभातम् 🌞*


*««« आज का पंचांग »»»*


कलियुगाब्द..................5122


विक्रम संवत्.................2077


शक संवत्...................1942


मास.......................आश्विन


पक्ष.........................शुक्ल


तिथी........................षष्ठी


प्रातः 07.41 पर्यंत पश्चात सप्तमी


रवि.....................दक्षिणायन


सूर्योदय......प्रातः 06.26.39 पर


सूर्यास्त......संध्या 05.55.30 पर


सूर्य राशि...................तुला


चन्द्र राशि..................धनु


गुरु राशि....................धनु


नक्षत्र...................पूर्वाषाढ़ा


रात्रि 12.54 पर्यंत पश्चात उत्तराषाढ़ा


योग.....................सुकर्मा


रात्रि 02.35 पर्यंत पश्चात धृति


करण....................तैतिल


प्रातः 07.41 पर्यंत पश्चात गरज


ऋतु.......................शरद


दिन......................गुरुवार


 


🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*


22 अक्तूबर सन 2020 ईस्वी ।


 


🔱 *षष्ठं कात्यायनी मातापूजन (षष्ठं दिवस) :-*


*कात्यायनी माता :* मां दुर्गा का छठा स्वरूप :-


 


भगवती माँ दुर्गा जी के छठवें स्वरुप का नाम *कात्यायनी* है । इनका कात्यायनी नाम पड़ने की कथा इस प्रकार है - कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे । उनके पुत्र - ऋषि कात्य हुए । इन्ही कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे । इन्होने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी । उनकी इच्छा थी की माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें । माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली थी । कुछ काल पश्चात जब दानव महिसासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत बढ़ गया तब भगवान् ब्रह्मा , विष्णु , महेश तीनों ने अपने - २ तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश केलिए एक देवी को उत्पन्न किया । महर्षि कात्यायन ने सर्व प्रथम इनकी पूजा की । इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाई । ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के यहाँ पुत्री रूप से उत्पन्न भी हुई थी । आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी , अष्टमी , तथा नवमी तक तीन - दिन इन्होने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था । माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है । भगवान् कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्ही की पूजा कालिंदी - यमुना के तट पर की थी । ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित है । इनका स्वरुप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है ।


 


⚜ *अभिजीत मुहूर्त :-*


प्रातः 11.48 से 12.33 तक ।


 


👁‍🗨 *राहुकाल :-*


दोपहर 01.36 से 03.01 तक ।


 


🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*


*तुला*  


06:06:35 08:26:28


*वृश्चिक*  


08:26:28 10:45:25


*धनु*  


10:45:25 12:49:47


*मकर*  


12:49:47 14:32:23


*कुम्भ*  


14:32:23 16:00:05


*मीन*  


16:00:05 17:25:16


*मेष* 


17:25:16 19:00:44


*वृषभ*  


19:00:44 20:56:35


*मिथुन*  


20:56:35 23:11:33


*कर्क*  


23:11:33 25:32:15


*सिंह*  


25:32:15 27:49:56


*कन्या*  


27:49:56 30:06:35 


 


🚦 *दिशाशूल :-*


दक्षिणदिशा - यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।


 


☸ शुभ अंक....................4


🔯 शुभ रंग...............केसरिया


 


✡ *चौघडिया :-*


प्रात: 10.45 से 12.10 तक चंचल


दोप. 12.10 से 01.35 तक लाभ


दोप. 01.35 से 03.00 तक अमृत


सायं 04.25 से 05.51 तक शुभ


सायं 05.51 से 07.25 तक अमृत


रात्रि 07.25 से 09.00 तक चंचल |


 


📿 *आज का मंत्र :-*


।। ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।।


 


*॥ ध्यान मंत्र ॥*


चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।


कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी ॥


 


📢 *सुभाषितानि :-*


मूर्खे नियोज्यमाने तु त्रयो दोषाः महीपतेः ।


अयशश्र्चार्थनाशश्र्च नरके गमनं तथा ॥


*अर्थात :-*


मूर्ख मानव की नियुक्ति करने वाले राजा के तीन दोष अपयश, द्र्व्यनाश और नरक प्राप्ति ।


 


🍃 *आरोग्यं :-*


*षष्ठम कात्यायनी (मोइया) -*


दुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है। इस आयुर्वेद औषधि में कई नामों से जाना जाता है। जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका इसको मोइया या माचिका भी कहते हैं। यह कफ, पित्त, रुधिर विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है।


 


⚜ *आज का राशिफल :-*


 


🐏 *राशि फलादेश मेष :-*


(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)


कार्यस्थल पर परिवर्तन होगा । व्यापार अनुकूल रहेगा । सुख के साधन सुलभ होंगे । नविन कार्य आरम्भ होंगे । कार्य संपादीत करने हेतु नई कार्ययोजना बनेगी। धन सुगमता से प्राप्त होगा । निवेश में विचार करें । स्वास्थ्य की चिंता रहेगी ।


 


🐂 *राशि फलादेश वृष :-*


(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)


कचहरी के कार्य बनेंगे । लाभ के अवसर आयेंगे । समस्याओं में कमी आएगी । सन्मान प्राप्त होगा । मित्रों से सम्बन्ध सुदृढ़ होंगे । बुद्धि विवेक का उपयोग करें । धार्मिक कार्यों मे रूचि रहेगी । सत्संग लाभप्रद होगा । व्यापार व्यवसाय अनुकूल रहेंगे । नए मित्र बनेंगे ।


 


👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*


(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)


जोखिम लेने के लिए समय प्रतिकूल है । विवादों से बचकर रहे । स्वास्थ्य का ध्यान रखे । शंका कुशंका से बनते काम बिगड़ सकते है । आय की निश्चितता रहेगी । कीमती सामग्री का विशेष ध्यान रखे । आथिक संकट से दो चार होना पड़ सकता है ।


 


🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*


(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)


व्यापार व्यवसाय में लाभ हो सकता है । निवेश से लाभ होगा । दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप से परेशानी हो सकता है । घर परिवार में आनंद रहेगा । प्रेम प्रसंग अनुकूल रहेंगे । कचहरी के कार्यों की रुकावट समाप्त होगी । सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा ।


 


🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*


(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)


प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग मिल सकता है । भूमि भवन से सम्बंधित बाधा दूर होगी तथा लाभ होगा । बड़ा सौदा लाभ दे सकता है । जल्दबाजी से कार्य बिगड़ सकते है । नौकरी में आपका प्रभाव बढ़ सकता है । रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल होंगे ।


 


🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*


(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)


घर के सभी सदस्य प्रसन्न व संतुष्ट रहेंगे । धन प्राप्ति सुगम होगी । संगीत आदि में दिलचस्पी बढ़ेगी । विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा । यात्रा मनोरंजक रहेगी । कारोबार से लाभ होगा । उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे । किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा ।


 


⚖ *राशि फलादेश तुला :-*


(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)


आय में निश्चितता रहेगी । भागदौड़ रहेगी । जोखिम न उठाएं । वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें । अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं । बेवजह किसी से विवाद हो सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा । काम में मन नहीं लगेगा । मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी । बुरी खबर मिल सकती है ।  


 


🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*


(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)


काम में उत्साह से ध्यान दे पाएंगे । वाद विवाद में आपका पक्ष मजबूत रहेगा । व्यापार व्यवसाय में लाभ के योग है । समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी । मेहनत का फल मिलेगा । नौकरी में आपका प्रभाव बढेगा । निवेश में जल्दबाजी नुकसानदायक रहेगी ।


 


🏹 *राशि फलादेश धनु :-*


(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)


जीवन सुखमय व्यतीत होगा । प्रसन्नता बनी रहेगी । चोट व रोग से बचें । जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा । उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी । जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे । आय में वृद्धि होगी । नए मित्र बनेंगे । भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी । आत्मसम्मान बना रहेगा ।


 


🐊 *राशि फलादेश मकर :-*


(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)


रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी । व्यापार-व्यापार अच्‍छा चलेगा । निवेश शुभ रहेगा । व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी । प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी । जोखिम न लें । प्रमाद से बचें । नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं । चोट व रोग से बचें ।


 


🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*


(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)


सम्मान को ठेस पहुंच सकती है । व्यवसाय ठीक चलेगा । फालतू खर्च होगा । लाभ के अवसर टलेंगे । दुष्टजन हाजोखिम व जमानत के कार्य टालें । कीमती वस्तुएं संभालकर रखें । किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है । नि पहुंचा सकते हैं । नए मित्र बनेंगे ।


 


🐋 *राशि फलादेश मीन :-*


(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)


प्रसन्नता रहेगी । व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी । रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है । कारोबार में वृद्धि के योग हैं । शेयर-मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा । विवेक का प्रयोग करें । प्रतिष्ठा बढ़ेगी । नौकरी में अमन-चैन रहेगा । अधिकारी प्रसन्न रहेंगे ।


 


🕉 आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो...


 सुप्रभात


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