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Thursday, October 29, 2020

शरद पूर्णिमा-मानसिक एवं शारीरिक आरोग्यता के लिए उत्तम दिवस -पं.आत्मा राम पांडेय "दद्दा जी महाराज"

शरद पूर्णिमा-मानसिक एवं शारीरिक आरोग्यता के लिए उत्तम दिवस -पं.आत्मा राम पांडेय "दद्दा जी महाराज"



हिन्दू पंचांग के अनुसार साल की सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है |


ज्योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसीदिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस रात कोचंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। वही सोम चन्द्रकिरणें धरती पर अन्न-वनस्पति आदि में औषधीय गुणो की वर्षा करती है।


मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिकों के लिए यह दिन काफी महत्व रखता है। इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई मानसिक बीमारियों , नकारात्मक विचारो का नाश कर देती हैं। 


समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक चंद्रमा को मानते हैं। मान्यता है कि प्रकृति इस दिन धरती पर अमृत वर्षा करती है। 


प्रत्येक मनुष्य को जीवन में सुख-समृद्धि, यश-वैभव, आर्थिक-मानसिक एवं आरोग्य की कामना होती है। इस दृष्टि से शरद पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व है। 


==शरद पूर्णिमा के विशेष औषधीय एवं गुणकारी प्रभाव==


आयुर्वेद के अनुसार दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी रस, हितकारी किरणें, (पित्तशामक, शीतल,सात्त्विक) औषधीय गुणों से युक्त होती हैं । 


शरद पूर्णिमा के दिन गाय के दूध से किसमिस और केसर डालकर चावल मिश्रित खीर बनाकर चन्द्रमा की उज्जवल किरणों में रखने से उसमे औषधीय गुण पैदा हो जाते है उसमें चंद्रमा से जनित दोष शांति और आरोग्य प्रदान करने क्षमता स्वत: आ जाती है। इससे कई असाध्य रोग दूर किये जा सकते है और हमारा मन मष्तिष्क अनेक क्षमताओं को विकसित करता है।


महाराज जी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए देश के कई हिस्सो मे शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजन किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कुमार कार्तिकेय का जन्म भी शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। 


शरद पूर्णिंमा का व्रत संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए किया जाता है।  


मान्यता ये है कि अगर शरद पूर्णिमा के दिन कुंवारी कन्याएं उपवास करती है और चांद की पूजा करती है तो उन्हें भगवान कृष्ण की तरह सुंदर जीवनसाथी प्राप्त होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 


दद्दा जी महाराज जी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अनगिनत लाभ है।


अगर आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा दूषित है या कमजोर स्थिति में है, तो इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करने के लिए ये शुभ दिन होगा।


गर्भवती महिलाओं के लिए यह रात विशेष गुणकारी है। नाभि पर चांद की किरणें पड़ने से गर्भस्थ बच्चे को पुष्टि मिलती है। कुछ खास बीमारियों से बच्चे को बचाव होता है।


शरद पूर्णिमा की सुनहरी रात में वैद्यों द्वारा जड़ी बूटियों से औषधि का निर्माण किया जाता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को तैयार की गई औषधि अचूक रामबाण होती है।


नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए ये विशेष दिन है


श्वास व दमा के रोगियों को धीमी आंच पर किरणों के प्रकाश में तैयार कर खीर खिलाई जाये तो दमा के रोगियों को विशेष फायदा होता है।


आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि धन , आर्थिक समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की उपासना से सुख-समृद्धि की कामनापूर्ति के लिए अचूक मानी जाती है। इस दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मीस्तोत्र का पाठ करके हवन करना चाहिए।


=शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र=


== ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ==


== रोग से मुक्ति हेतु==


== ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षिय मामृतात् ==


==शरद पूर्णिमा के ज्योतिषीय उपाय==


पूर्णिमा के दिन घिसे हुए सफ़ेद चंदन में केसर मिलाकर भगवान शंकर को अर्पित करने से घर से कलह और अशांति दूर होती है।


सफल दाम्पत्य जीवन के लिए शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।


पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन जुए, शराब आदि नशे आदि से दूर रहना चाहिए।


पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है एवं पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्र ज्योति बढती है।


== शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त ==


शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 25 मिनट से 31 अक्टूबर को रात 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।


 अगर आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा दूषित है या कमजोर स्थिति में है, तो इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपाय करने के लिए शरद पूर्णिमा का दिन सबसे श्रेष्ठ है।


 यदि इस दिन अगर कोई व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार कुछ उपायों को करता है तो उसे जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता और उसे मां लक्ष्मी का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है।


           ज्योतिषाचार्य 


पं.आत्मा राम पांडेय "काशी"


    संपर्क सूत्र- 09838211412 


                     08707666519


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