क्या कहते हैं आपके सितारे,क्या है ग्रहों की चाल,पंचांग व राशिफल देखें आचार्य अच्युतानंद त्रिपाठी के साथ
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🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
📜««« आज का पंचांग »»»📜
कलियुगाब्द..........................5122
विक्रम संवत्.........................2077
शक संवत्............................1942
मास..................................कार्तिक
पक्ष.....................................कृष्ण
तिथी...............................एकादशी
रात्रि 12.37 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि...............................दक्षिणायन
सूर्योदय.............प्रातः 06.37.23 पर
सूर्यास्त.............संध्या 05.44.18 पर
सूर्य राशि...............................तुला
चन्द्र राशि...............................सिंह
गुरु राशि.................................धनु
नक्षत्र........................उत्तराफाल्गुनी
दुसरे दिन प्रातः 04.19 पर्यंत पश्चात हस्त
योग....................................वैधृति
संध्या 07.१३ पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण.....................................बव
दोप 02.01 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु......................................शरद
दिन...................................बुधवार
🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
11 नवम्बर सन 2020 ईस्वी ।
📜 तिथि विशेष :
रमा एकादशी :
सनातनी संस्कृति में रमा एकादशी का विशेष महत्व है. इस एकादशी को *रम्भा एकादशी* के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. कहते हैं कि इस व्रत की कथा सुनने मात्र से ही *वाजपेय यज्ञ* के बारबर पुण्य मिलता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से दरिद्रता दूर भाग जाती है और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है.
रमा एकादशी व्रत की कथा :-
प्राचीन समय में मुचुकुंद नाम के एक राजा थे जिनकी मित्रता देवराज इंद्र, यम, वरुण, कुबेर एवं विभीषण से थी। वह बड़े धार्मिक प्रवृति वाले व सत्यप्रतिज्ञ थे। उनके राज्य में सभी सुखी थे। उनकी चंद्रभागा नाम की एक पुत्री थी, जिसका विवाह राजा चंद्रसेन के पुत्र शोभन के साथ हुआ था।
एक दिन शोभन अपने श्वसुर के घर आया तो संयोगवश उस दिन एकादशी थी। शोभन ने एकादशी का व्रत करने का निश्चय किया। चंद्रभागा को यह चिंता हुई कि उसका पति भूख कैसे सहन करेगा? इस विषय में उसके पिता के आदेश बहुत सख्त थे। राज्य में सभी एकादशी का व्रत रखते थे और कोई अन्न का सेवन नहीं करता था। शोभन ने अपनी पत्नी से कोई ऐसा उपाय जानना चाहा, जिससे उसका व्रत भी पूर्ण हो जाए और उसे कोई कष्ट भी न हो, लेकिन चंद्रभागा उसे ऐसा कोई उपाय न सूझा सकी।
निरूपाय होकर शोभन ने स्वयं को भाग्य के भरोसे छोड़कर व्रत रख लिया। लेकिन वह भूख, प्यास सहन न कर सका और उसकी मृत्यु हो गई। इससे चंद्रभागा बहुत दुखी हुई। पिता के विरोध के कारण वह सती नहीं हुई।
उधर, शोभन ने रमा एकादशी व्रत के प्रभाव से मंदराचल पर्वत के शिखर पर एक उत्तम देवनगर प्राप्त किया। वहां ऐश्वर्य के समस्त साधन उपलब्ध थे। गंधर्वगण उसकी स्तुति करते थे और अप्सराएं उसकी सेवा में लगी रहती थीं। एक दिन जब राजा मुचुकुंद मंदराचल पर्वत पर आए तो उन्होंने अपने दामाद का वैभव देखा। वापस अपनी नगरी आकर उसने चंद्रभागा को पूरा हाल सुनाया तो वह अत्यंत प्रसन्न हुई। वह अपने पति के पास चली गई और अपनी भक्ति और रमा एकादशी के प्रभाव से शोभन के साथ सुखपूर्वक रहने लगी।
👁🗨 राहुकाल:-
दोपहर 12.10 से 01.32 तक ।
🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-
तुला
04:47:45 07:06:12
वृश्चिक
07:06:12 09:26:34
धनु
09:26:34 11:30:56
मकर
11:30:56 13:13:32
कुम्भ
13:13:32 14:41:14
मीन
14:41:14 16:06:25
मेष
16:06:25 17:41:53
वृषभ
17:41:53 19:37:44
मिथुन
19:37:44 21:52:42
कर्क
21:52:42 24:13:25
सिंह
24:13:25 26:31:05
कन्या
26:31:05 28:47:45
🚦 दिशाशूल :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक..........................2
🔯 शुभ रंग..........................हरा
⚜ चौघडिया :-
प्रात: 08.02 से 09.25 तक अमृत
प्रात: 10.47 से 12.09 तक शुभ
दोप 02.54 से 04.17 तक चंचल
सायं 04.17 से 05.39 तक लाभ
रात्रि 07.17 से 08.54 तक शुभ ।
📿 आज का मंत्र :-
|| ॐ विष्णवे नम: ||
📯 संस्कृत सुभाषितानि :-
स्थानभ्रष्टा न शोभन्ते दन्ताः केशा नखा नराः ।
इति संचिन्त्य मतिमान्न स्वस्थानं न परित्यजेत् ॥
अर्थात :-
दांत, बाल, नाखुन और इन्सान, ये चार स्थानभ्रष्ट होने पर अच्छे नहीं लगते । यह समजकर, बुद्धिमान मनुष्य ने अपना (उचित) स्थान छोडना नहीं ।
🍃 आरोग्यं :-
जैतून की पत्तियां के औषधीय अनुप्रयोग :-
ऑस्टियोपोरासिस -
जैतून की पत्तियां ऑस्टियोपोरोसिस में भी बहुत ही लाभदायक है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसा रोग है जिससे हड्डियां प्रभावित होती हैं। इसमें हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं। यह मुख्य रूप से नितंब, कलाई और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं। यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा होती है। एक स्पेनिश रिसर्च के अनुसार जैतून की पत्तियां हड्डियों को रि-जनरेट कर जोड़ों और हड्डी संबंधी समस्या में फायदेमंद है। खास तौर से ऑस्टियोपोरोसिस में यह गुणकारी है।
⚜ आज का राशिफल :-
🐏 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिलेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। कुसंगति से हानि होगी। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। धनार्जन होगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। धैर्यशीलता में कमी होगी। पुराना रोग उभर सकता है।
👫🏻 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
कारोबारी लाभ में वृद्धि के योग हैं। प्रमाद न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बुरी सूचना मिल सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। प्रसन्नता में कमी रहेगी। शत्रुता में वृद्धि होगी।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
नई योजना बनेगी। शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। सुख के साधन जुटेंगे। अच्छे समाचार मिल सकते हैं। आय बढ़ेगी।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पूजा-पाठ में मन लगेगा। साधु-संत का आशीर्वाद मिल सकता है। व्यापार ठीक चलेगा। शत्रु परास्त होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। कोर्ट व कचहरी, सरकारी दफ्तरों में रुका कार्य पूर्ण अनुकूल होगा। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेंगे।
🙎🏻♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। व्यापार - व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। किसी व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है। शांति बनाए रखें। पारिवारिक चिंता रहेगी। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय में जल्दबाजी न करें।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार ठीक चलेगा। किसी प्रभावशाली प्रबुद्ध व्यक्ति से मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनलाभ के अवसर बार-बार प्राप्त होंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी बिलकुल न करें। शत्रुओं का पराभव होगा। सुख के साधन जुटेंगे। स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उन्नति होगी। लाभ में वृद्धि होगी। कोई कारोबारी बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
विद्यार्थी वर्ग को पठन-पाठन व लेखन इत्यादि के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। दांपत्य जीवन में खुशहाली रहेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
दु:खद समाचार मिल सकता है। नए संबंध बनाने से पहले विचार कर लें। मन में काम के प्रति दुविधा रहेगी। गलतफहमी के कारण विवाद संभव है। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि संभव है। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
ऐश्वर्य के साधनों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें। विवाद संभव है। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मान-सम्मान प्राप्त होगा। नौकरी में नई जिम्मेदारी प्राप्त हो सकती है।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
व्यापार ठीक चलेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। राजमान व यश में वृद्धि संभव है। अतिथियों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
।। 🐚 शुभम भवतु 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय🚩🚩
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