बस्ती । बाल स्वास्थ्य पोषण माह (बीएसपीएम) अभियान के दौरान इस बार लाभार्थियों को घर से चम्मच लाने की सलाह दी गई है। इसके लिए आशा कार्यकर्ता उन्हें प्रेरित भी करेंगी। कोविड-19 को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह एहतियाती कदम उठाया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि अभियान आज से शुरू होकर एक माह तक चलेगा। अभियान के लिए विटामिन-ए की पर्याप्त डोज जिले में उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. फकरेयार हुसैन समेत सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह अभियान आईसीडीएस विभाग के सहयोग से चलेगा। उनके साथ भी समन्वय बैठक की जा चुकी है। ब्लॉक स्तर से आशा कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देशित दिया जा रहा है कि वह लाभार्थियों के परिवारीजनों को घर से चम्मच लाकर सोमवार, बुधवार और शनिवार के टीकाकरण सत्रों पर बच्चे को विटामिन-ए का डोज दिलवाने के लिए प्रेरित करें। नौ माह से एक साल तक के बच्चे को एक एमएल डोज, जबकि एक साल से अधिक उम्र के बच्चों को दो एमएल डोज दिया जाएगा। इस डोज के लेने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। चमड़े और बालों से संबंधित बीमारियों से बचाव होता है और खासतौर से रतौंधी की बीमारी से भी बच्चा प्रतिरक्षित हो जाता है। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता लाभार्थी परिवारों को विटामिन-ए का महत्व और शीघ्र स्तनपान के लिए प्रेरित करेंगी और आयोडिन किट से आयोडिन की जांच भी करेंगी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. फकरेयार हुसैन ने बताया कि विटामिन-ए की एक बोतल से एक साल तक की उम्र तक के 100 बच्चे, जबकि उससे अधिक उम्र के 50 बच्चे दवा पी सकते हैं। बोतल के साथ आने वाली चम्मच से डोज नाप कर घरेलू चम्मच में दे दिया जाएगा। इस संबंध में आशा कार्यकर्ताओं को विस्तार से जानकारी दी गई है। सत्र पर सभी लोग मॉस्क लगा कर आएंगे और शारीरिक दूरी का पालन भी करेंगे। सत्रों पर हैंडवॉशिंग के बाद ही टीकाकरण व डोज देने का काम किया जाएगा।
3.14 लाख बच्चे हैं लक्ष्य
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि इस बार 3.14 लाख बच्चों को विटामिन-ए का डोज देने का लक्ष्य है। जिले में नौ माह से एक साल तक के 18191 बच्चे, एक से दो साल तक के 78213 बच्चे और दो से पांच साल तक के 2. 15 लाख बच्चे अभियान के लिए चिन्हित किये गये हैं।
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