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Sunday, August 1, 2021

स्तनपान करने वाले बच्चे अनेक बीमारियों से रहते हैं सुरक्षित

स्तनपान करने वाले बच्चे अनेक बीमारियों से रहते हैं सुरक्षित

विश्व स्तनपान सप्ताह पहली से सात अगस्त तक 

जन्म के पहले घंटे में जरूर पिलायें माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध

बस्ती। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ने की चर्चा के बीच यह भी जानना जरूरी है कि जो माताएं बच्चे को सही समय पर और सही तरीके से भरपूर स्तनपान कराती हैं, उन्हें बच्चे को लेकर बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है। मां का दूध बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करने के साथ ही उसे आयुष्मान भी बनाता है। कोरोना सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से मां का दूध बच्चे को पूरी तरह से महफूज बनाता है। स्तनपान के फायदे को जानना हर महिला के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके प्रति जागरूकता के लिए हर साल पहली से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए ही इस साल इस सप्ताह की थीम ‘स्तनपान सुरक्षा की जिम्मेदारी, साझा जिम्मेदारी’ तय की गई है। 

शिशु के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए है जरूरी 

जिला महिला अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. तैयब अंसारी का कहना है कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत  समान होता है। यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है। बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला पीला गाढा दूध अवश्य पिलाना चाहिए। यह दूध बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है, इसीलिए इसे बच्चे का पहला टीका भी कहा जाता है। शिशु को ऊपर से कोई भी पेय पदार्थ या आहार नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है। छह माह तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी न दें। कोविड उपचाराधीन मां को भी सारे प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्तनपान कराना जरूरी है। केवल स्तनपान कर रहा शिशु 24 घंटे में छह से आठ बार पेशाब करता है, स्तनपान के बाद कम से कम दो घंटे की नींद ले रहा है,और उसका वजन हर माह करीब 500 ग्राम बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि शिशु को मां का पूरा दूध मिल रहा है।

स्तनपान के फायदे शिशु के लिए

- सर्वोत्तम पोषक तत्व

- सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक

- संक्रमण से सुरक्षा (दस्त-निमोनिया)

- दमा एवं एलर्जी से सुरक्षा

- शिशु के ठंडा होने से बचाव

- प्रौढ़ एवं वृद्ध होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा

क्या कहते हैं आंकड़े  

जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान कराने से नवजात मृत्यु दर में 33 फीसद तक कमी लाई जा सकती है। इसके अलावा छह माह तक शिशु को स्तनपान कराने से दस्त रोग और निमोनिया के खतरे में क्रमश: 11 फीसद और 15 फीसद कमी लाई जा सकती है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के अनुसार प्रदेश में एक घंटे के अंदर स्तनपान की दर 25.2 फीसद और छह माह तक केवल स्तनपान की दर 41.6 फीसद है। इसे और बढ़ाने की जरूरत है।

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