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Tuesday, December 24, 2019

बस्ती में डीएम व कमिश्नर के ट्रांसफर हेतु कृषि विभाग के अधिकारी ने लिया तंत्र-मंत्र का सहारा

बस्ती। ' कमिश्नर' और 'डीएम' से परेशान कृषि विभाग के एक अधिकारी ने दोनों अधिकारियों के तबादले के लिए तंत्र-मत्र का सहारा लिया है।इसके लिए उन्होंने घर में पूजा-पाठ करने वाले पंडित जी से मदद मांगी, जब पंडितजी ने मना कर दिया तो अधिकारी ने खलिहान पक्कीकरण में मिलने वाले अनुदान की पत्रावली को ही निरस्त कर दिया। यह पत्रावली आदर्श कृषक महिला समूह की ओर से पंडित देवस्य मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा ने जमा किया था। पंडितजी की पत्नी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर करते हुए कार्रवाई करनेकी मांग की है।


कृषि विभाग में खलिहान पक्कीकरण के नाम पर महिला समूहों को एक लाख 70 हजार का अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए सदर तहसील के सदर ब्लॉक के ग्राम दौलतपुर की महिला कृषक और आदर्ष कृषक महिला समूह की अध्यक्षा वंदना मिश्रा पत्नी देवस्य मिश्र ने 28 फरवरी 19 को आवेदन किया। महिला का आरोप है कि पहले तो संयुक्त कृषि निदेशक संजय त्रिपाठी और कार्यालय वालों ने 50 हजार रुपये की मांग की, जब रुपया देने से इंकार कर दिया तो अधिकारी ने कहा कि पंडितजी से कहिए वह कमिश्नर और डीएम का तबादला करने के लिए घर में आकर पूजा-पाठ करें। महिला का कहना है कि उनके पति अधिकारी के यहां बराबर पूजा-पाठ करने जाते रहते है। सीएम को लिखे पत्र में महिला ने कहा कि जब उसके पति ने इस तरह के पूजा-पाठ करने से इंकार कर दिया तो उसके अनुदान वाली पत्रावली को ही निरस्त कर दिया। महिला का यह भी कहना है कि वहीं 17 ऐसे समूहों को अनुदान दे दिया जो पात्रता की श्रेणी में ही नहीं आती है, और भारी कमीशन लेकर दिया गया। यह शायद पहला मामला होगा जहां पर कोई अधिकारी मंडल और जिले के मुखिया से परेशान होकर उनके तबादले के लिए तत्र-मंत्र का सहारा लेने का प्रयास किया गया। बहरहाल यह तो पता नहीं चला कि अधिकारी ने किसी अन्य पंडितजी का सहारा लिया या नहीं? मगर चर्चा का विषय जरुर बन गया। इस विभाग में अनुदान के नाम पर कमीशन की मांग करना कोई नई बात नहीं है। मगर यह नई बात अवश्य हैे।


पीड़ित पंडित जी ने मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत करते हुए कृषि अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, जबकि आरोपी संयुक्त कृषि निदेशक संजय त्रिपाठी ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जबरन योजना का लाभ लेने के लिए ऐसा अनर्गल आरोप लगाया जा रहा है।


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