बस्ती । उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 के खंड-27 द्वारा नियुक्त उर्वरक निरीक्षक के रूप में उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के खंड 28 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए द्वारा दिनांक 24 अगस्त, 2020 को साधन सहकारी समिति, बैरागल विकास खंड दुबौलिया का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आलोच्य समिति से यूरिया उर्वरक क्रय कर साइकिल पर ले जाते हुए कृषक श्री विजय कांत पुत्र रामफेर, ग्राम पायक पुर, राज तिलक पुत्र राम निवास ग्राम शुकुलपुरा, राम जनक पुत्र घिरावन ग्राम बैरागल, जटा शकर मिश्र पुत्र ब्रम्हदत्त ग्राम बेदपुरपर द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें समिति से 280 रुपये प्रति बोरी की दर से यूरिया प्राप्त हुआ है, जोकि निर्धारित मूल्य 266.50 रुपये प्रति बोरी से अधिक है। इस प्रकार उर्वरक विक्रेता सचिव, साधन सहकारी समिति, बैरागल, विकास खंड दुबैलिया, श्री संजीव कुमार पुत्र श्री राम सूरत, ग्राम जीवपुर, पोस्ट दुबौलिया, थाना दुबौलिया पर यह आरोप है कि उनके द्वारा उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के खंड 3(1) के अंतर्गत निर्धारित उर्वरक के मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक को बेचा गया, जो इस आदेश के खंड 3(3) का उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त सचिव, साधन सहकारी समिति पर यह आरोप भी है कि इनके द्वारा वितरित उर्वरक के सापेक्ष कैश क्रेडिट मेमोरेंडम निर्धारित प्रारूप फार्म-एम पर कृषकों को उपलब्ध कराया जाता नहीं पाया गया, जो कि उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की खंड 5 का उल्लंघन है।
उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 के किसी भी खंड का उल्लंघन आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के धारा-3 का उल्लंघन है जो इसी अधिनियम के धारा-7 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। जिसको लेकर सचिव, साधन सहकारी समिति, बैरागल, विकास खंड दुबैलिया, संजीव कुमार पुत्र राम सूरत, ग्राम जीवपुर, पोस्ट दुबौलिया, थाना दुबौलिया के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के धारा 3/7 के अंतर्गत प्राथिमिकी दर्ज की गई।
No comments:
Post a Comment