बस्तीः गौशालाओं से सफाईकर्मियों को हटाकर राजस्व गावों में तैनात करने की मांग काफी पहले से चली आ रही है। लेकिन महकमे के अधिकारियों के लचर रवैये के कारण सफाईकर्मियों को राजस्व गावों में नही भेजा जा रहा है। इससे गांवों की सफाई व्यवस्था हाशिये पर है। जनपद में संचारी रोगों को नियंत्रित करने के लिये दस्तक अभियान चलाया गया लेकिन साफ सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी।
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने 12 जून को बाकायदा कार्यवृत्ति जारी कर सफाईकर्मियों को गांव में भेजने का आदेश दिया है, जो बेनतीजा रहा। उ.प्र. पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय कुमार आर्य ने अपनी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ सभी एडीओ, एसडीएम, बीडीओ, सीडीओ से मिलकर सफाईकर्मियों को गौशालाओं से हटाने की मांग किया। इस संदर्भ में पंचायती राज निदेशक ने भी पत्र जारी किया था। अब तक जारी सभी आदेश औपचारिकता तक सिमट कर रह गये। जिलाध्यक्ष अजय कुमार आर्य एवं महामंत्री रूद्रनारायण उर्फ रूदल ने संयुक्त रूप से कहा है कि अनेक सफाईकर्मी पशुओं की देखभाल में अकुशल हैं, इसलिये आये दिन वे घायल होते हैं। महकमे के अफसरों का लचर रवैया नही बदला तो मजबूर होकर निर्णायक संघर्ष का ऐलान करेंगे।
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