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Wednesday, November 11, 2020

पटरी पर आया मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम,जांच करवाने वाले गर्भवतियों की संख्या बढ़ी

पटरी पर आया मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम,जांच करवाने वाले गर्भवतियों की संख्या बढ़ी


कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मिल रहा है लाभ


पिछले अभियान की अपेक्षा नवम्बर के अभियान में ज्यादा संख्या में हुआ पंजीकरण


गर्भवती की जांच के साथ चिन्ह्ति की जाती हैं एचआरपी गर्भवती


बस्ती।कोरोना के मामलों में कमी आने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की अन्य गतिविधियों में तेजी आती नजर आ रही है। जांच कराने के लिए अस्पताल आने वाली गर्भवतियों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। पिछले माह आयोजित हुए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की अपेक्षा नवम्बर में आयोजित कार्यक्रम में ज्यादा संख्या में गर्भवती माताओं ने नियमित जांच कराई। एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) महिलाओं की संख्या भी बढ़ गई है।


एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को पीएमएसएमए का आयोजन किया जा रहा है। कोविड काल को देखते हुए गर्भवती की सुरक्षा के मद्देनजर इसे रोक दिया गया था। इधर स्थिति ठीक होने के बाद दोबारा इसे शुरू किया गया है। विभाग का इस समय इस बात पर जोर है कि ज्यादा से ज्यादा गर्भवती माताएं आयोजन में शामिल होकर अपनी जांच कराएं।


उन्होंने बताया कि अक्टूबर में आयोजित कार्यक्रम में 1105 गर्भवती ने अपनी जांच कराई थी। इसमें द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली 778 गर्भवती शामिल थीं। इनमें से 108 एचआरपी मिली थी। इस माह आयोजित कार्यक्रम में जांच कराने वाली गर्भवती की संख्या बढ़ी है। 1624 महिलाओं ने अपनी जांच कराई। द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़कर 1245 हो गई। इनमें से 165 गर्भवती हाई रिस्क वाली चिन्ह्ति की गई हैं। एचआरपी की सूची तैयार कर उनकी मॉनीटरिंग की जाएगी तथा बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करना है।


5382 की हो चुकी है जांच


इस सत्र में नवम्बर तक 5382 गर्भवती ने पंजीकरण कराया है। इनमें 472 हाई रिस्क वाली गर्भवती हैं। पीएमएसएमए आयोजन के दिन गर्भवती की बीपी, शुगर जांच के साथ हीमोग्लोबीन, एचआईवी, जीडीएम व सिफलिस की जांच कराई जाती है। कई अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड भी कराया जा रहा है।


इन बातों का रखा जा रहा है ख्याल


बफर व कंटेंमेंट जोन की गर्भवती को नहीं बुलाया जा रहा है।


द्वितीय व तृतीय त्रिमाही की गर्भवती को बुलाने की है प्राथमिकता।


सभी को मॉस्क लगाना व हैंडवाश करना है अनिवार्य।


ग्रुप काउंसलिंग की जगह वन टू वन काउंसलिंग कराई जा रही है।


भीड़ को नियंत्रित करने व शारीरिक दूरी का सोशल डिस्टेंसिंग का कराया जा रहा है पालन।


 


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