बस्ती:कलेक्ट्रेट सभागार में चकबंदी विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न
जिलाधिकारी ने चकबंदी से संबंधित मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने का दिया निर्देश
बस्ती।समय से चकबंदी कार्य पूरा करने तथा चकबंदी से संबंधित मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने सभी चकबंदी अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित चकबंदी की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक 12 गांव का धारा 52 की कार्यवाही पूरी करें। जिन गांव में कोर्ट से स्टे है, उनका स्टे वैकेट कराएं तथा समय से काउंटर एफिडेविट दाखिल करें। बैठक का संचालन उपसंचालक चकबंदी उमेश गिरी ने किया।
उन्होंने कहा कि चकबंदी वाले गांव की धारा 52 पूरा करते ही अभिलेखागार में अभिलेखों का बस्ता दाखिल कराएं। समीक्षा में उन्होंने पाया कि अंतिम बस्ता दाखिला सदर तहसील का भैंसहिया गांव का दिसंबर 2020 में किया गया है। उन्होंने कहा कि चकबंदी पूरा होने तथा बस्ता दाखिला करने के बाद नक्शा दुरुस्ती का वाद सीधे उनके कोर्ट में दाखिल होगा। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इसे अब चकबंदी के किसी न्यायालय में नहीं किया जाएगा। इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
उन्होंने समीक्षा में पाया कि 66 में से 20 आडिट आपत्तिया तैयार कर ली गई हैं। जिलाधिकारी ने इनका परीक्षण करने के लिए एडीएम अभय कुमार मिश्र को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि आडिट आपत्तियों के निस्तारण के लिए सीओ तथा एसीओ की कार्यशाला आयोजित कर उन्हें आवश्यक जानकारी दी जाए। साथ ही उन्होंने अगली बैठक में आडिट आपत्तियों के संबंध में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने समीक्षा में पाया कि चकबंदी शुल्क रुपया 1.38 लाख है जिसके सापेक्ष रू0 15868 वसूला गया है। इसके शत-प्रतिशत वसूली के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने ग्रामवार चकबंदी की स्थिति की समीक्षा करते हुए हर्रैया तहसील के रमवापुर गांव की चकबंदी अभी तक पूरा न किए जाने पर असंतोष भी व्यक्त किया। इस गांव के चकबंदी अधिकारी ने बताया कि चकबंदी का कार्य पूरा हो गया है परंतु ग्रामीण चक काटने का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया गया कि एक गांव में चौपाल लगाकर समस्या का निराकरण कराएं। उन्होंने बभनगावा कला तथा मझाउवा चौधरी, भानपुर तहसील के अमरौली सुमाली, अमरौली जुलौबी, सदर तहसील के कलवारी मुस्तकहम, शंकरपुर, मझगौवा चौधरी, बेलवरिया तथा धनघटा, कलवारी एहतमाली आदि गांव के चकबंदी की स्थिति की समीक्षा किया तथा चकबंदी आयुक्त के निर्देशानुसार 31 मार्च तक लक्ष्य की पूर्ति करने का निर्देश दिया।
उन्होंने अन्य गांव में संचालित चकबंदी की धारावार स्थिति की समीक्षा किया। उप संचालक चकबंदी उमेश गिरी ने बताया कि धारा 8 में 13 गांव, धारा 9 में 2 गांव, धारा 10 में 7 गांव, धारा 20 के 5 गांव, धारा 52 के 12 में से 8 गांव में चकबंदी प्रक्रिया संचालित है। वर्तमान में पूरे जिले में 40 गांव में चकबंदी प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने बताया कि उनके न्यायालय में कुल 159 मुकदमे संचालित हैं, जिन पर उनके द्वारा नियमित सुनवाई की जा रही है। इसी प्रकार बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के न्यायालय में कुल 390 मुकदमे हैं। अन्य चकबंदी अधिकारियों के न्यायालय में भी मुकदमे की सुनवाई समयाअंतर्गत पूरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में 22 गांव ऐसे हैं जिनमें पिछले 25 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया संचालित है। यहां पर चकबंदी प्रक्रिया पूरी करने की प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें से 09 गांव में चकबंदी प्रक्रिया पर माननीय उच्च न्यायालय से स्टे है।
जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया संतोषजनक ढंग से प्रगति पर है। उपसंचालक चकबंदी के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक पखवाड़े चकबंदी अधिकारियों की समीक्षा बैठक करें तथा उन्हें चकबंदी की बारीकियों से अवगत कराएं। चकबंदी प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं के संबंध में समय-समय पर उन्हें अवगत कराते रहें ताकि वे तहसीलों के माध्यम से उसका निराकरण करा कर समय से चकबंदी पूरी करा सकें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अभय कुमार मिश्र, सीआरओ नीता यादव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नंदकिशोर कलाल, उप जिलाधिकारी आशाराम वर्मा, नीरज प्रसाद पटेल, आनंद श्रीनेत, अपर उप जिलाधिकारी सुखवीर सिंह, राजेश सिंह, प्रोबेसनर अनुपम मिश्र, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी एके राय, तहसीलदारगण, चकबंदी अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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