आयुष्मान कार्ड से समय से इलाज पा गए सुनील और मार्कंडेय
निःशुल्क इलाज की सुविधा से संतुष्ट है दोनों परिवार
जिन लोगों का सूची में नाम होता है उन्हीं का बनता है कार्ड
गोरखपुर।अगर पहले से आयुष्मान कार्ड (गोल्डेन कार्ड) बनवा कर रखते हैं तो जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया में नष्ट होने वाला समय बच जाता है । इसी समझदारी का नतीजा रहा कि युवक सुनील और बुजुर्ग मार्कंडेय को निजी अस्पतालों में समय से निःशुल्क इलाज प्राप्त हुआ । सुनील स्वस्थ हो चुके हैं और मार्कंडेय के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है | दोनों परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत मिली सुविधा से संतुष्ट हैं । जिन लोगों का नाम योजना की सूची में पहले से होता है उन्हीं का कार्ड बनता है ।
पॉली ब्लॉक के घघसरा गांव के रहने वाले सुनील (22) ने बताया कि जुलाई में उन्हें पता चला कि किडनी में स्टोन है । इसके कारण उनकी हालत काफी खराब हो गयी थी। उनके परिवार में चार लोग हैं , उनका और माता-पिता का आयुष्मान कार्ड पहले ही बन चुका है । क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता आशा देवी ने उन्हें प्रेरित कर छह महीने पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से उनका कार्ड बनवा दिया था । जुलाई में जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत हुई तो योजना से संबद्ध पल्स हॉस्पिटल गये और वहां सिर्फ वेरीफेकशन कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया । अब वह स्वस्थ हैं और पूरी तरह संतुष्ट हैं । उनका कहना है कि सभी लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड पहले से बनवाकर रख लेना चाहिए ।
खजनी के माल्हनपार चौराहे के निवासी मार्कंडेय (64) के रीढ़ की हड्डी में दिक्कत थी ।वह मूंगफली का व्यापार करते हैं । उनके पुत्र राजनारायण ने बताया कि कार्ड के लिए पंजीकरण पहले से हो गया था और हार्ड कॉपी अभी नहीं मिल पायी थी । जुलाई में पिता को लेकर उनके बड़े भाई लाइफ केयर हॉस्पिटल गये। वहां वेरिफिकेशन के बाद पिता का इलाज हुआ और सर्जरी के बाद अब वह स्वस्थ हो रहे हैं । उनका पूरा परिवार निःशुल्क इलाज की सुविधा से संतुष्ट है।
अगर पात्रता है तो बनवा लें कार्ड
योजना के जिला शिकायत प्रबंधक विनय कुमार पांडेय का कहना है कि वर्तमान में इस योजना का लाभ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण SECC 2011 में सम्मिलित पात्र परिवार उठा सकते हैं । 2011 के बाद परिवार में सम्मिलित नयी बहु एवं नए बच्चे का जन्म हुआ हो तो वह भी विवाह प्रमाण पत्र एवं जन्म प्रमाण पत्र दिखा कर योजना का लाभ उठा सकते हैं । SECC 2011 में सम्मिलित पात्र परिवारों के सभी सदस्य जिनका नाम राशन कार्ड में सम्मिलित है इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
पात्रता पर आधारित है योजना
योजना के जिला सूचना एवं तकनीकी प्रबंधक शशांक शेखर का कहना है कि इस योजना में किसी प्रकार का पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है । यह योजना पूर्णतः पात्रता पर आधारित है । पात्र परिवारों के लाभार्थी की अनुबंधित अस्पतालों में पहचान सुनिश्चित होने के पश्चात् पांच लाख तक की नि : शुल्क चिकित्सा लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
भर्ती होने पर मिलता है योजना का लाभ
आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में भर्ती होकर मुफ्त इलाज कराया जा सकता है । ज़रूरी जांचे एवं दवाइयां एक पूर्ण पैकेज का हिस्सा हैं और पूरी तरह निःशुल्क हैं, लेकिन केवल जांच, ओपीडी, अथवा केवल दवाइयों की खरीदी इस योजना का हिस्सा नहीं हैं। जिन लोगों के पास पहले से आयुष्मान कार्ड होते हैं उन्हें सहूलियत मिलती है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर सभी को कार्ड बनवा लेना चाहिए।
डॉ. अनिल कुमार सिंह, नोडल अधिकारी
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